Monday 29 August 2016

Faith Vs superstition

विश्वास Vs अंधविश्वास

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मत कर यकीन उन फिजूल अंधविश्वासों पर;
क्योंकि उनसे इंसान सिर्फ खोखला होता है।
यकीन करना ही है तो करो अपने कर्मो पर;
क्योंकि अच्छे कर्मों से ही इंसान महान बनता है।।
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ब्रह्मांड में किसी भी चीज की कल्पना प्रायः हम उसके नाम के आधार पर कर लेते हैं फिर हमारे द्वारा की गई कल्पना से अगर उस वस्तु का मेल होता है तो वह कल्पना फिर यकीन में बदलने लगती है।
लेकिन महान तो वह लोग होते हैं जो किसी व्यक्ति, वस्तु या स्थान का मेल उसके नाम से नहीं बल्कि उसके काम और व्यवहार से करते हैं हालांकि किसी का नाम सुनकर काम और व्यवहार की कल्पना तो इन महान लोगों ने भी की थी लेकिन उनके द्वारा की गई वह कल्पना कहीं ना कहीं गलत साबित हो गई और इनके महान होने का का कारण भी वह गलत ही था; क्योंकि बिना गलती किए कोई भी व्यक्ति महान नहीं बनता।
अतः इस से यह तो स्पष्ट है कि किसी व्यक्ति वस्तु या स्थान की कल्पना उसके नाम के आधार पर नहीं करनी चाहिए फिर चाहे वह कल्पना सही निकले या गलत।
खैर; जैसा की हम जानते हैं कि विश्वास और अंधविश्वास में काफी अंतर है।
विश्वास :-किसी के कहने पर कम लेकिन स्वयं के द्वारा उसके साथ बरतने पर किया जाए तो सही मायने में वही विश्वास है और इस विश्वास में बहुतर सच्चाई ही होती है।
इसके उलट;
अंधविश्वास :- किसी के कहने मात्र से ही हम किसी व्यक्ति या वस्तु पर विश्वास कर लें फिर भले ही हम उसके साथ ना बरतें हों और ना ही उसका कोई अनुभव या स्वभाव का पता हो; तो यही अंधविश्वास कहलाता है और अंधविश्वास में बहुतर भ्रम ही होता है।
अभी पिछले महीने की ही तो बात है जब मैं जल्दी जल्दी में घर से कहीं जा रहा था कि अचानक एक बिल्ली मेरा रास्ता काट गई हर बार की तरह मैंने इस अंधविश्वास को नहीं माना और बिना रुके ही अपने रास्ते पर चल दिया और आगे चलकर अपशकुनानुसार मेरे साथ हादसा (accident जैसा) हो गया।
हालाँकि हादसा तो कुछ बड़ा नहीं था लेकिन कहीं ना कहीं मैं इस अंधविश्वास में यकीन जरूर करने लगा था मैंने जब यह बात कुछ लोगों से share की तो कहीं ना कहीं वह भी इस अंधविश्वास में पूर्ण यकीन करने लगे थे।
मैंने उन लोगों के अंधविश्वास को बढ़ावा देकर शायद बहुत बड़ी गलती कर दी थी क्योंकि मैंने उन्हें यह यकीन दिलाया था कि आप ने जो (पूर्वजों से बिल्ली के रास्ता काटने के बारे में) सुना था वह सही था।
अब यहां मैंने भी अपनी कल्पना को यकीन का दर्जा दे दिया था जो शत-प्रतिशत गलत था; क्योंकि मैं भी उन लोगों की मंडली में शामिल हो गया था जो अंधविश्वास में यकीन रखते थे।
इस बात का एहसास मुझे तब हुआ जब Bike से मेरे एक दोस्त के साथ भी accident जैसा हादसा हो गया जब मुझे उसके accident का पता चला तो बहुत दुख हुआ।
मैं उस दुख में डूबा हुआ ही था कि अगले पल मुझे ख्याल आया कि ऐसा हादसा तो पिछली बार मेरे साथ भी हुआ था; कहीं इसका रास्ता भी तो बिल्ली ने.....!!!
में मैं दौड़ा-दौड़ा उसके पास गया; देखा तो उसके हाथ पैर में चोट आई थी; फिर मैंने अपनी जिज्ञासा शांत करने के लिए उसे पूछ ही डाला कि भाई कहीं तेरा रास्ता भी तो बिल्ली ने नहीं काटा।
वह बोला - नहीं तो..!!!
 मैं - तो फिर यह एक्सीडेंट कैसे हुआ..???
वह - क्या बताऊं यार!!! मैं जल्दी-जल्दी में था और मेरी bike भी speed में थी; इसलिए वो जल्दी-जल्दी में एक्सीडेंट हो गया।
फिर वह पूछने लगा कि तुम ये बिल्ली की क्या बात कर रहे थे..???
तो मैंने अपनी पूरी आप बीती सुना डाली।
जब उसने सुना कि मैं भी उस समय जल्दी में था तो वह हल्की सी मुस्कुराहट के साथ बोला कि भाई वह तुम्हारा accident किसी बिल्ली इल्ली की वजह से नहीं बल्कि मेरी तरह जल्दी-जल्दी में और स्पीड से बाइक चलाने की वजह से हुआ था।
वाकई ही मेरे को उसकी बात में दम लगा और फिर मैंने सिर्फ उसी अंधविश्वास को ही नहीं बल्कि ऐसे बहुत सारे अंधविश्वास थे; सभी को मानना छोड़ दिया।
जैसे कि छींक पर घर से बाहर ना निकलना; गले में बाबा जी का ताबीज धारण करना; विभूति खाना आदि सभी को मानना छोड़ दिया क्योंकि यह सभी अंधविश्वास सिर्फ तभी काम करते थे जब देश में जादुई परियां होती थीं, जिन्न और भूत होते थे और हर व्यक्ति के पास असीम शक्ति होती थी।
अब जबकि ऐसा कुछ नहीं है तो भला ये अंधविश्वास क्यों...???
जो आपके और आपके बच्चों को अन्दर से खोखला कर रहा है, डरा रहा है।
अगर आपको लगता है कि अब भी जादुई परियाँ होती है जिन्न, भूत होते हैं तो आप ख़ुशी-खुशी से इन अंधविश्वास को follow कर सकते हैं।
यह जरुरी नहीं है कि जिन लोगों का एक्सीडेंट होता है उन सभी का रास्ता बिल्ली ने ही काटा हो; और यह भी जरुरी नहीं है कि बिल्ली के रास्ता काटने के बावजूद भी जो लोग निकल जाते हैं उन सभी का एक्सीडेंट होता हो।
भाई एक्सीडेंट या कोई हादसा अंधविश्वास की वजह से नहीं यह होता है यह होता है तो सिर्फ इत्तेफाक से...!!!
इसलिए आज अंधविश्वासों का कोई मोल या मतलब नहीं है!!! बस आप अपनी रास्ता अच्छे से चलिए अंजाम भी अच्छा ही होगा।
वैसे मेरे अनुसार इन अंधविश्वासों को follow ना करो तो ही अच्छा है फिर आगे आपकी मर्जी...!!!
अगर आप इस लेख के बारे में कुछ comments करना चाहते हैं तो सोचिए मत; post कीजिये अपनी comments; और उसके दूसरे दिन अपनी    समस्या का solution लीजिये।
--------------------अतुल राठौर।

Tuesday 16 August 2016

The thread of love - Rakshabandhan

The thread of love - rakshabandhan

रक्षाबंधन की दास्ताँ....


मैं रक्षाबंधन हूँ; मैं एक ऐसा बंधन हूँ जो अपने जन्मदिन पर भारत के सभी भाई-बहनों को आपस में प्रेम के सूत्र में बाँध देता हूँ।
मैं उस घर में भी दस्तक दे देता हूँ जिन घरों में बहुत सी बहिनों के भाई नहीं होतें हैं; उनके घर मैं किसी न किसी रूप में भाई बनकर पहुँच ही जाता हूँ।
मेरी भी एक बहिन है जिसका नाम राखी है, वो उन घरों में पहुँचती हैं जिन भाइयों के बहिन नहीं होती है।
मुझे तब बड़ा अजीब लगता है जब कोई भाई सुबह सुबह अपनी बहिन से राखी बंधवाकर और उसे कुछ पैसे थमाकर कहीं अकेले घर से बाहर चला जाता है जबकि बहिन रोजाना की तरह घर पर अकेली रह जाती है।
वैसे ऐसा सब भाई नहीं करते हैं लेकिन कुछ तो करते हैं।
इसलिए मेरी सभी भाइयों से गुजारिश है कि मेरे जन्मदिन (रक्षाबंधन) पर कोई भी भाई कहीं ना जाये अपनी बहिन और परिवार वालों के साथ प्रेम से घर पर ही समय बिताये तो मुझे बड़ी ख़ुशी होगी।
वैसे आजकल मेरा जन्मदिन सिर्फ पैसों और मिठाइयों का ही रह गया है यहाँ कोई भाई दिल से बहिन की रक्षा करने का शपथ नहीं लेता है।
लेकिन हाँ, ये जरूर करता है कि अगर कोई बहिन बड़ी दूर से राखी बाँधने आई है तो उसके मिठाई के डिब्बे और दूरी के हिसाब से भेंट दे दी जाती है। लेकिन अगर फिर भी भेंट कम रह जाये तो यहाँ कुछ बहनें भी मन में ये सोचे बिना नहीं रहतीं कि क्या किया यहाँ आकर; मेरा तो मिठाई के डिब्बे के भी पैसे वसूल नहीं हुए।
खैर, मेरे जन्मदिन (रक्षाबंधन)  की मुझे अब ज्यादा ख़ुशी नहीं होती क्योंकि मुझे तो वही हुमायूँ और कर्मवती(कर्णावती) वाला दिन बहुत अच्छा लगा था। जब बहादुरशाह ने चित्तोड़ पर हमला किया तो वहां की महारानी कर्मवती की सेना कमजोर थी तो उसने सहायता हेतु हुमायूँ (जिसकी सेना उस समय बहुत ताकतवर थी) को एक धागा(राखी) भेजी। तो उस धागे (राखी) की हुमायूँ ने भी लाज रखी और अपनी सेना को बिना कुछ सोचे समझे रानी कर्मवती की सहायता के लिए भेज दिया।
अब मुझे अपने जन्मदिन की वो ख़ुशी नहीं मिलती।
मुझे खुशी तभी मिलेगी जब :-
1.सभी भाई इस दिन अपने घर पर ही बहनों और परिवार के साथ रहें।
2.भाई बहनों को इतना प्यार दे कि बहनें इस दिन अपने सारे गम भूल जाएँ।
3.सभी भाई इस दिन अपनी बहनों की हिफाजत करने का प्रण लें।
4.बहनें भी इस दिन जो समस्या हो वो भाइयों को बता दें क्योंकि इस दिन कोई भी भाई समस्या का हल ढूंढेगा।
5.इस दिन प्रेम का ऐसा माहौल बनायें कि सब मेरे जन्मदिन(रक्षाबंधन) को एक मिसाल के तौर पर याद करें।
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तो क्या ख्याल है आपका; मुझे भी खुश तो रखोगे न मेरे जन्मदिन पर।
------------------------रक्षाबंधन।

Sunday 14 August 2016

Awareness is a term that makes us great

जागरूकता एक ऐसा शब्द - जो हमें महान बनाता है।

स्टोरी 01 :- 

वह एक 20 वर्ष का युवक था जो किसी होटल मैनेजर से बहस करने में उलझा हुआ था। सामान्य लोगों की तरह मुझे भी उस युवक की बहस बेमतलब लगी लेकिन उस बहस की सच्चाई तो मुझे तब पता चली जब वह मेरे साथ उस बस में चढ़ा जिसमें मैं यात्रा कर रहा था।
और इत्तेफाक से मेरे बगल वाली सीट पर बैठ गया।
थोड़ी देर यात्रा करने के बाद वह मेरे से कुछ बातें करने लगा तो मैंने भी दिलचस्पी दिखाते हुए उसे उसकी और मैनेजर के बीच हुई बहस का कारण जानना चाहा; तो उसने गर्व के साथ खुशी-खुशी वह कारण बताना शुरू कर दिया :- "जब बस होटल पर रुकी तो मुझे भूख का आभास हुआ तो मैंने मैनेजर के पास रखी उस मेनू लिस्ट को देखा जिसमें ₹150 की 1 भोजन थाली थी; जिसमें शामिल 4 रोटी, दो सब्जी तथा सलाद लिखा हुआ था।
मैंने वह थाली आर्डर कर दी; जब थाली आई तो मैंने देखा कि सलाद के नाम पर तो सिर्फ प्याज ही थी और रोटियाँ भी सिर्फ तीन थी।
पहले एक पल के लिए तो सोचा कि चलो एक रोटी कम है एक से कुछ नहीं होता लेकिन अगले ही पल ख्याल आया कि ये तो सामान्यतः सभी लोगों की सोच रहती है; आखिर यह ठीक नहीं अगर हम पढे लिखे लोग जागरुक नहीं होंगे; तो ये होटल संचालक लोग अपनी मनमानी करते रहेंगे।
इस मनमानी को रोकने के लिए मैं सीधा मैनेजर के पास गया और सभी ग्राहकों के समक्ष मैंने मैनेजर के सामने अपनी बात रखी; और कहा कि ₹150 की थाली होने के बावजूद भी हमें चार रोटी के नाम पर है सिर्फ तीन रोटी दी जा रही हैं।
हालांकि सभी ग्राहकों के समक्ष मैंने ये बात कही थी तो मैनेजर यह मानने को तैयार नहीं हुआ कि मुझे सिर्फ तीन रोटीं ही दी गई हैं।
और वह मुझ से बहस पर उतारू हो गया लेकिन मैं भी अपनी बात पर अडिग रहा।
तभी मेरी जागरूकता से संतुष्ट होकर एक व्यक्ति हाथ में थाली लिए उपस्थित हुआ और सभी को उस थाली की दाल को सुंघाते हुए बोला कि इन भाई साहब (मतलब मेरी) की बात सही है और आखिर यह दाल भी तो ताजी नहीं है बदबू दे रही है यह सुनकर तो मानो होटल मैनेजर के होश उड़ गए; और उड़ते भी क्यों नहीं अगर फिर कोई दूसरी टिप्पणी करता तो तीसरा ग्राहक न जाने क्या लिए पहुंच जाता!!! आखिरकार मैनेजर शर्म से पानी पानी हो गया और अपने होटल कर्मचारियों द्वारा की गई गलती की क्षमा मांगी और सभी कर्मचारियों को आदेश दिया कि आगे से ऐसा न करें।"
बस यही बहस हुई थी मेरी उस मैनेजर के साथ और इतना कहते हुए युवक मेरे से बोला कि मैंने कुछ गलत तो नहीं किया भाई!!!
इस पर मैंने उसके आत्मविश्वास को बढ़ावा देते हुए कहा कि तुम्हारे जैसा जागरुक हर व्यक्ति हो जाए तो देश में भ्रष्टाचार पनप ही नहीं पाए।
फिर वह मेरे को धन्यवाद देते हुए हमारी भी कोई स्टोरी जाने की चेष्टा करने लगा।
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दोस्तों यह छोटी बात हो सकती है; यहाँ बात सिर्फ एक रोटी की नहीं जागरूकता की है।
इसलिए ऐसी छोटी छोटी बातों को हमें नजरंदाज नहीं करना चाहिए।
अगर अगली बार मौका पड़े तो हमें हमारा वह छोटा सा हक़ भी छीन लेना चाहिए।
जय हिन्द। 

Saturday 6 August 2016

how to block any website on pc without using any software with screenshots (hindi)

kisi bhi (any) website ko kaise block kare bina kisi bhi software ke step by step  (in windows xp,7,8)




aaj me apko bataunga sabse simple tarika jiski help se ap kisi website ko block kar sakte hai apne computer ya laptop par wo bhi bina kisi bhi software ke. website ko block karne ke liye apko sabse pahle apne antivirus ko disable krna hoga kyuki kafi antivirus "HOSTS" file me changes karne se rokte hai. isliye apko sabse pahle apne antivirus ko disable kr de fir ye steps follow kare


STEP 1
find notepad in your pc or laptop
ap notepad ko ap apne pc me Accessories categories me find kar sakte hai,  START BUTTON par click kare fir ALL PROGRAMS par fir ACCESSORIES par ap is categories me notepad ko dekh hai

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STEP 2
Run notepad "as administrator"
Notepad ko as a administrator run kare ke liye Right click kare notepad par and select "Run as administrator" aur left click on run as administrator, fir apke samne ek popup window aayegi usme "yes" par click kare


NOTE:- agar ap notepad ko "run as administrator" run nhi karoge to apke duara kiye gaye changes hosts mein save nhi honge aur apki website block nhi hogi, Isliye apko ye dhyan rakhna hai ki apne notepad ko "run as administrator" hi run kiya hai


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STEP 3
ab apke samne notepad open ho gaya hai, notepad ke top par jo menu diye hai usme se "FILE" menu par click kare aur fir "open" par click kare

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STEP 4
"open" par click karne ke bad apke samne ek new window open (khulegi) hogi jo is tarah dekhegi,
1. computer ( or this pc  in window 8,8.1) par click kare
2. c drive par double click kare
fir windows  par double click  fir system32 par double click kare fir drivers par double click kare fir etc par double click kare aur ap is path ko apne run ( press window key+R for open run) me paste karke bhi direct etc par pahuch sakte hai

C:\Windows\System32\drivers\etc


STEP 5
select "all files"
ab apke samne jo window open hogi usme apko kuch nhi dikhega, "hosts" ko dekhne ke liye apko extention change krna hoga (*.txt) se (all files) jaisa ap screenshot me dekh rahe hai


STEP 6 
hosts par double click kare
"hosts" par double click karne ke bad apke sanme kuch is tarah ki window open hogi,
apko jo bhi website block karni  hai usko block karne liye apko 127.0.0.1 ke bad space de aur us website ka address type (without https://) kar de jisko apko block krna chahate  hai aur aap kitni  bhi website block kar sakte hai bas apko karna ye hai ki apko 127.0.0.1 ke bad space de aur us website ka address type kr de.
jaisa ap dekh rhe hai maine facebook ko block kiya hai, facebook ki website ko hum do tarah se open kar sakte hai
1. www.facebook.com
2. www.fb.com
fb.com facebook website ka loop hole hai, isliye apko fb block karne ke liye fb.com ko bhi block krna hoga
note:- ek line me only ek hi website ka address type karna hai apko aur agar ap dusri website block karna chahate ho to apko ek line ke enter key press kare aur 127.0.0.1 ke bad space de fir dusri website ka address type kr de

Example:- for block fb...

127.0.0.1                 www.facebook.com
127.0.0.1                 www.fb.com




me is website par technology ke bare mein hindi mein likhta hu  jasse india me jyada se jyda people mere article pad sake aur age bad sake,
thanks







Wednesday 3 August 2016

we & our traffic rules

we & our traffic rules

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हम और हमारे traffic rules

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आज के अधिकतर लोग पढ़ाई करते हैं तो सिर्फ जानकारी पाने के लिए; ना कि उस जानकारी को यथार्थ रूप से अपने जीवन में अनुसरण के लिए।
आज का प्रत्येक व्यक्ति traffic rules को सिर्फ जानकारी के तौर पर जानता ही है। इनमे से कुछ ही व्यक्ति होंगे जो उनका यथार्थ रूप से पालन करते होंगे और जिस वक्त वह traffic rules का पालन करते हैं तब यकीन मानिए उन्हें बहुत खुशी होती है, बहुत गर्व होता है कि वह अपने देश के एक जागरुक नागरिक हैं।
ये खुशी और ये गर्व मैं प्रत्येक दिन महसूस करता हूं जब मैं अपने घर से कॉलेज के लिए निकलता हूं क्योंकि मैं जितना हो सकता है उतना traffic rules का पालन करता हूँ।
यह खुशी और यह गर्व आप भी महसूस कर सकते हैं और वह भी वैद्य रूप से। लेकिन इस की शर्तों को आप बोझ मानकर नहीं बल्कि अपना कर्तव्य मानकर करें। इसके लिए आपको negative think छोड़ positivity से सोचना होगा।
जैसे कि:-
1. आप हेलमेट नहीं लगाते शायद सोचते हैं कि hair style खराब हो जाएगी या फिर सिर बहुत भारी हो जाएगा जबकि सोचना ये चाहिए कि hair style से अधिक मुझे अपनी जिंदगी से प्यार है और हेलमेट लगाना अनिवार्य है।
ये video भी देखें....शायद आप इससे inspire हो जाएँ...!!!

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2. आप लोगों की भीड़ में रफ्तार से Bike निकालते हैं, शायद सोचते हैं कि ऐसा करने से लोग मेरी तारीफ करेंगे लेकिन याद रखिए तारीफ से कहीं अधिक लोग गालियां देते हैं।
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3. आप सड़क पर टूटी हुई रेलिंग से पुलिस को चकमा देकर निकल जाते हो। जबकि जागरूकता ऐसी होनी चाहिए कि अगर पुलिस वाले traffic पर न भी हों तो भी हमें टूटी रेलिंग से न निकलकर; सही रास्ते से ही निकलना चाहिए।
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4. Bike पर तीन या चार लोगों को बैठाकर जहां पुलिस मिलती है तो उससे कुछ दूर पहले ही एक या दो लोगों को बाइक से उतार देते हो और Bike को पुलिस वालों के सामने से निकाल कर फिर कुछ दूरी पर खड़ी कर देते हो। तब तक, जब तक कि आपके पैदल वाले साथी नहीं आ जाते; और आप फिर से 4 लोग बैठकर खुशी-खुशी पुलिस को चकमा देकर निकल जाते हैं। और अपने आपको तीस मार खां समझने लगते हैं।
लेकिन यहां आप की तुलना तीस मार खां से नहीं बल्कि स्कूल के उस शैतान विद्यार्थी से की जाती है जो सिर्फ डंडे की भाषा समझता है प्यार की नहीं।
उसी तरह आप भी ट्रैफिक रूल्स का पालन तब तक नहीं करते जब तक कि डंडा यानी कि पुलिस आप को नहीं दिख जाती।
क्या जरूरी है!!! कि जब तुम्हें पुलिस देखेगी तभी traffic rules का पालन करोगे।
नहीं!!! सिर्फ खुद जागरुक बनो ऐसे जागरुक कि traffic police की जरुरत ही ना पड़े।
और अपने मन में ये ख्याल कभी ना लाओ कि वो चार जा सकते हैं तो हम क्यों नहीं; बल्कि ये ख्याल जरूर लाओ कि वह चार शैतान student (गैर जागरूकता वाले) हैं।
और वह सिर्फ डंडा (पुलिस) की मुठभेड़ से ही सुधरेंगे।
जरुरी नहीं कि ठोकर लगने (police को 1000-2000₹ देने) के बाद ही सुधरो पहले ही सुधर जाओ तो ठीक है।
क्योंकि किसी महापुरुष ने कहा भी है :- "मूर्ख अपनी गलतियों से सीखते हैं जबकि महान तो वो लोग होते हैं जो दूसरों की गलतियों से सीखते हैं।"
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friends, मेरे कहने का आशय ये है कि हम सभी rules का पालन नहीं कर सकते लेकिन कुछ rules तो follow कर सकते हैं ना!!! बस कुछ ही rules follow करिए , थोड़ी सी परेशानी के बाद मैं आपसे वादा करता हूँ कि आपको अपने indian होने पर गर्व होगा।
जय हिंद