Wednesday 22 February 2017

अनकही बातें - जो दिल कहे!!!

अनकही बातें - जो दिल कहे..!!!


हजार गलतियाँ दिखी मुझे दूसरों में;
फिर मैंने उन्हें सुधारने के तरीके भी बताये।
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हक्का-बक्का तो, तब रह गया मैं;
जब उन्होंने मुझपे ही उँगली उठाई!!
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फिर बैठा जब मैं खुद की गलतियाँ गिनने
तो वाकई ही खुद में बहुत सी गलतियाँ पाईं!
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सोचा कि चलो; एक बार सुधार लूँ उनको
लेकिन कल-कल करके कभी सुधर ना पाईं।।
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दिल में रोज सुबह जल्द जागने की ख्वाहिश लेकर सोता हूँ।
लेकिन बिन मकसद, सुबह जल्द जागने की ख्वाहिश कभी पूरी हो ना पाई।
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जानता हूँ कि जिंदगी ही देती है मुझे, हर सुबह एक नई जिंदगी।
लेकिन पता नहीं क्यों वो जिंदगी मुझे कभी रास ना आई।
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दिल में तो भरी हैं बहुत ही अच्छी अच्छी बातें
लेकिन ना जाने क्यों उनमें से एक भी अच्छी बात पूरी हो ना पाई।
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कभी मौका मिलता है मुझे तो दूसरों को ज्ञान देने से कभी नहीं चूकता;
लेकिन इम्तिहान तो तब आया जब उसी ज्ञान को पूरा करने की मेरी खुदकी बारी आई।
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ये दुनियां सभी जानती है भली बुरी बातों को
लेकिन न जाने क्यों उसे भली बातों में ख़ुशी नजर ही ना आई।
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दुनियाँ के उसूल ही कुछ अजब है यारो
अजब अनोखे रीतिरिवाज देखकर मेरी तो आँखे भर आईं।
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देखो देखो यारो कितना मुर्ख हूँ मैं
जो दुनियां मुझे अजीब लगती है 
दुःख-दर्द में मैंने उन्हें ही अपनी व्यथा सुनाई।
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अब तो अकेले रहने की आदत डाल रहा हूँ मैं
फिजूल में ही मैंने इस दुनियाँ से प्रीति लगाई।
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अकेला हूँ यारों और अकेला ही रहना चाहता हूँ
इसीलिए तो मैंने कविताओं में अपनी महफिल सजाई, महफिल सजाई, महफ़िल सजाई😢😢.
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इसीलिए तो friends; कभी कभी इंसान इतना थक जाता है कि वह अकेला; सिर्फ अकेला रहना चाहता है।
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ये poem आपको कैसी लगी कृपया अपने commentsके माध्यम से अवश्य बताइयेगा।
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जय हिंद
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इन्हें कविताओं को भी पढ़ें :-
1.Poem - एक अहसास
2.ये जिंदगी है यारो...
3.प्रेरणादायक कविता - जब हम किसी से
4.दुःख इस बात का नहीं कि....

Monday 13 February 2017

इंसान का मशीनी दिमाग - कुछ भूला कुछ याद रहा

●आज के इंसान का मशीनी दिमाग ना जाने कितनी जगह spread होता है।
आज के इंसान का दिमाग 10 बातों को एक साथ लेकर चलता है और पूरे दिन इसी उधेड़बुन में लगा रहता है कि इन 10 कामों को; एक ही बार में; जल्दी से जल्दी किस तरह finish किया जाए।

वैसे आज के हिसाब से देखा जाए तो "एक तीर से दो निशाने" वाली कहावत वास्तविक सिद्ध नहीं होती।
क्योंकि आज हम सभी लोग एक तीर से दो नहीं बल्कि 10 के 10 निशाने लगाना चाहते हैं।
हम चाहते हैं कि कोई भी काम बस एक बार में हो जाए और फिर उसके बाद हम हो जाएं फ्री।
लेकिन तभी गहरी सोच में डूब जाते हैं कि आखिर ये होगा कैसे...???
और फिर सोचने में ही इतना time spend कर देते हैं जितना कि काम करने में नहीं लगता।
so that friends; किसी भी काम के बारे में सोचो कम और करो ज्यादा।
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●आज हम सभी जानते हैं कि google सभी समस्याओं का solution है।
जैसे कि :-
★किसी place की जानकारी चाहिए होती है तो गूगल;
★किसी व्यक्ति की जीवनी पढ़नी होती है तो गूगल;
★किसी चीज का full form चाहिए होता है तो गूगल...आदि।
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आज हम सभी लोगों ने अपना दिमाग चलाना ही बंद कर दिया है।
जैसे कि - किसी चीज का full form चाहिए होता है तो तुरंत google पर search करते हैं और full form मिलते ही वहां से quit कर जाते हैं ना कि उस full form को बार-बार rewind करके अपने mind में save करते हैं।
फिर कुछ दिनों या महीनों बाद उसी चीज का full form फिर चाहिए होता है तो दिमाग में ये आता जरूर है कि इसका full form मैंने पहले पढ़ा था लेकिन याद नहीं आ रहा; ये सोचते हुए अपनी उँगलियाँ automatic ही google पर typing करने लगती हैं।
और full form मिलते ही अनायास ही दिल से निकलता है; ओहो तो ये था!!! तबसे याद क्यों नहीं आ रहा था???
अरे!कैसे आएगा भाई!!!
आपने उस time; full form को सिर्फ देखा था; ना कि carefully पढ़ा था।
तो friends, इस तरह हम google पर कोई भी जानकारी सिर्फ सरसरी निगाहों से देखते ही हैं ना कि carefully पढ़ते हैं।
फिर जितनी बार उस चीज की जानकारी चाहिए होती है तो mind पर कम और google पर ज्यादा जोर देते हैं।
यही छोटे-छोटे लक्षण ही तो दर्शाते हैं कि हम अपने mind पर बिल्कुल भी जोर देना नहीं चाहते..!!!
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●पहले जब मोबाइल फ़ोन इतने ज्यादा spread नहीं थे तो हम सभी अपने relatives के मोबाइल नंबर भी जुबानी याद रख लेते थे।
लेकिन जब से smart phones ने सबकी pocket में अपना कब्जा किया है तब से हमें relatives के तो क्या? अपनी secondary sim के मोबाइल नंबर भी याद नहीं रहते!
क्योंकि अब किसी के मोबाइल नंबर याद करना हमें waste of time ही लगता है।
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देखा जाए तो ये बातें बहुत छोटी हैं लेकिन सोचा जाए तो बहुत बड़ी।
क्योंकि जब कभी अगर गलती हमारा मोबाइल गुम हो जाए तो सबसे पहली फिक्र हमें data और contacts की ही रहती है।
इसीलिए अंत में मैं इस article से सम्बंधित सिर्फ तीन बातें ही कहना चाहूंगा...!!!

👉1.अगर दो मिनट का काम हो तो दस मिनट सोचने में ना लगाएं मतलब सोचो कम और करो ज्यादा।
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👉2.google पर कोई भी चीज search करते वक्त उसे सिर्फ देखो मत बल्कि carefully पढ़ो।
मैं तो यहाँ तक कहता हूँ कि उसे तब तक rewind करो जब तक कि हमें ये ना लगने लगे कि अब तो ये lifetime के लिए हमारे mind में save हो गई हैं।
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👉3.हम पहले की तरह ही अपने सभी नहीं तो close relatives और friends के mobile number तो जुबानी याद रख ही लें ताकि मोबाइल गुम या कोई घटना हो जाने पर किसी के मोबाइल से भी तुरंत dial कर सकें।
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अगर आपको ये Article पसंद आया हो तो commentऔर share करना ना भूलें...!!!
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जय हिंद
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इन्हें भी पढ़ें :-
1.कहानी - नई सीख
2.कहानी - किसान पिता की दुविधा
3.The worship of God
4.inspire from 3 idiots movie