Wednesday, 26 October 2016

माँ के लिए वास्तविक और दिखावटी प्रेम

माँ के लिए वास्तविक और दिखावटी प्रेम कुछ वर्ष पहले बहुत खुश थी वो माँ; जो अपने बच्चों को लोरियां सुनाकर सुला देती थी। बहुत खुश था वो बच्चा जिसे माँ की लोरियाँ किसी टॉफ़ी से अधिक प्यारी लगती थीं। . समय गुजरता गया; बच्चा बड़ा होता गया और माँ की लोरियों की जगह television ने ले ली। . अब वही बच्चा शाम...

Sunday, 23 October 2016

एक किसान पिता की दुविधा😥

किसान पिता की दुविधा... काफी पढ़ा लिखा होने के बावजूद भी जब उसे अपने ओहदे ही नौकरी नहीं मिली तो वह घर पर ही अपना समय बिताने लगा...!!! कहीं वो अपने दोस्तों के साथ घूमने चला जाता तो कहीं वो घर पर ही आराम से लेटकर सो जाता। इसी तरह चल रही थी उसकी जिंदगी। जबकि उसके पिता एक किसान थे। . उसे इस तरह जिंदगी...

Sunday, 16 October 2016

One step ahead

एक कदम आगे... कौटिल्य को आज कौन नहीं जानता..??? एक ऐसा बच्चा जिसे आज देश-दुनियाँ के सभी नाम याद हैं और computer जैसा दिमाग है। Atleast एक छोटा बच्चा और इतना active कैसे हो सकता है..?? . ये सवाल हर किसी के जेहन में आता है..?? और आना भी चाहिए क्योंकि ऐसा सुनना और देखना हमें असंभव सा लगता है; कुदरत...

Saturday, 8 October 2016

जरा सोचें...!!! क्यों हम अच्छी बातों को follow नहीं कर पाते..??

जरा सोचें...!!! क्यों हम अच्छी बातों को follow नहीं कर पाते..?? story 01... किसी एक बात पर ही अपना concentrate करें... जिसने भी लिखा है...!!! उसने क्या खूब लिखा है:-          "रोज status बदलने से जिंदगी नहीं बदलती;                ...

Wednesday, 5 October 2016

सफलता में बाधा - ईर्ष्या

सफलता में बाधा :- ईर्ष्या . 3 idiot का वह डायलॉग तो शायद आपको याद ही होगा। जब फरहान और राजू ने human behaviour के बारे में जाना कि "जब दोस्त fail हो जाए तो दुःख होता है लेकिन जब दोस्त first आ जाये तो और ज्यादा दुःख होता है।" . वैसे उन दोनों की सोच कुछ गलत नहीं थी उन्होंने वही सोचा जो हर कोई सोचता...

Tuesday, 4 October 2016

The worship of God...

भगवान की आराधना . आज की दुनियाँ में सभी अपनी मर्जी के मालिक है, सभी स्वतन्त्र हैं, जिसकी जो इच्छा होती है वो वही करता है। यही वजह है कि कोई भगवान को मानता है तो कोई नहीं। वैसे बचपन से मेरे परिवार वालों ने मुझे बताया कि भगवान होता है तो मैं भी भगवान की पूजा करने लगा। कभी-कभी मैं अपने मार्ग से भटक...