
अनकही बातें - जो दिल कहे..!!!
हजार गलतियाँ दिखी मुझे दूसरों में;
फिर मैंने उन्हें सुधारने के तरीके भी बताये।
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हक्का-बक्का तो, तब रह गया मैं;
जब उन्होंने मुझपे ही उँगली उठाई!!
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फिर बैठा जब मैं खुद की गलतियाँ गिनने
तो वाकई ही खुद में बहुत सी गलतियाँ पाईं!
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सोचा कि चलो; एक बार सुधार लूँ उनको
लेकिन...