Thursday, 22 February 2018

होली पर विचार

हमें किसी भी त्यौहार की याद तब आती है जब वो सर पर होता है।
अब हमें ही देख लो होली के कुछ दिन बाकी है तभी मुझे होली पर ब्लॉग लिखने का विचार आया।😊 लेकिन आया तो सही।
अब अपने भारत के कुछ लोग तो ऐसे हैं जिन्हें होली का विचार आने के बाद भी उसे नजरअंदाज कर देते हैं। और होली एक बुरा त्यौहार है ये अपने मन को करार दे देते हैं।
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यही सोच तो है आजकल हम युवाओं की, जो होली नहीं खेलते हैं, सोचते हैं कि कपड़े खराब हो जाएंगे और भी कई नुकसान होंगे। और किसी शख्स ने भी उनके मन के अंदर ये wrong number डाल दिया कि आजकल होली कोई नही खेलता इससे कई प्रकार के नुकसान हैं।
और फिर अपने कपड़े बिगड़ने के डर से वो होली ना खेलते हुए अति गंभीर और बोरिंग जिंदगी जीते हैं। और कुछ लोग तो ऐसे भी हैं जो होली वाले दिन घर से बाहर भी नहीं निकलते, फिर होली निकल जाती है और बावजूद उनका त्यौहार होने के, वो इसका आनंद नही उठा पाते।
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भाई हम गंभीर तो हर वक़्त ही रहते हैं लेकिन खुशी के मौके पर जब कोई गंभीर हो जाये तो वो बाकी लोगों की खुशी भी छीन लेता है।
भले ही आपको होली खेलने का कोई शौक ना हो लेकिन अपने इस त्यौहार को जीवंत रखने के लिए ये जरूरी है कि थोड़ा गुलाल दूसरे को और थोड़ा खुद को भी लगवाएं।
और हां मुंह सिकोड़ कर नहीं बल्कि चेहरे पर एक गजब सी मुस्कान देकर।
आपका ये छोटा सा कदम बच्चों को खुश करने के साथ ही साथ आपको अपने अंदर से आत्मीयता सुख का अहसास कराएगा।
इसीलिए दोस्तों होली में कपड़े खराब होगें ये सोचकर खुद को होली खेलने से रोको मत बल्कि होली खेलने से हम चार लोगों के चेहरों पर खुशी देखेंगे ये सोचकर सबसे पहले होली खेलने आप ही आगे आओ।
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तो दोस्तों मैं तो जमकर होली खेलने वाला हूँ, अगर आप भी हमारे साथ हो तो comment लिखकर हमें अवश्य बताएं और बताएं कि आपको होली पर मेरा ये विचार कैसा लगा।
जय हिंद।

इन्हें भी पढ़ें :-
मेरे सुधरने से क्या; दुनियाँ सुधर जाएगी...!!
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★आखिर अपनी negative think को positive think में कैसे बदलें...???

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