भगवान का दूसरा रूप - पिता
पिता भगवान का वो दूसरा रूप होता है, जिसमे हम बच्चे, पिता के कड़क स्वभाव को देखकर उनसे डरने लगते हैं; और डरना जायज भी है।
लेकिन भगवान और हमारे पिता में बस यही अंतर है कि जब हमसे कोई गलती हो जाती है तो भगवान हमे सजा देगा तो उसकी सजा का तब पता चलेगा; जब हमें ठोकर लगेगी,और फिर हमें सुधरने में वक्त लगेगा।
लेकिन जब उस गलती की सजा हमारे पिता के द्वारा मिलेगी तो तुरंत वो हम पर बहुत नाराज होंगे लेकिन हमें उसके बाद दूसरी ठोकर नहीं लगने देंगे, हमें संभाल लेंगे और सही रास्ते पर जाने के लिए पूरी पूरी सहायता करेंगे।
पिता ऊपर से जितने कड़क होते हैं, अंदर से उतने ही नरम!
अगर किसी बात पर पिता ने आपको डाँट लगा दी और आपने नाराज़ होकर खाना छोड़ दिया तो यकीन मानिये पिता को भी खाना तब तक अच्छा नही लगेगा!!! जब तक आप नहीं खा लोगे।
इसके लिए वो आपकी माँ से बोलेंगे (दरअसल वो अंदर से रुआँसा होकर बोलना चाहते हैं लेकिन वो अपनी नाराजगी भी तो दबाना नहीं चाहते इसलिए वो आपकी माँ से भी कड़क होकर बोलेंगें) कि बुला लो उसे खाना खा ले;
इस तरह बार-बार नाराज़ होना ठीक नहीं।
👉ये पिता होता है और वाकई पिता बहुत महान होता है।
किसी ने कहा है कि:
"पिता की मौजूदगी सूरज की तरह होती है,
सूरज गरम जरुर होता है और अगर न हो तो अँधेरा छा जाता है।"
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Friends, अक्सर देखा गया है कि हम सभी अपने पिता से friendly नहीं हैं, क्योंकि हम अपने पिता की उम्मीदों पर खरा नहीं उतर पाते..!!
इसलिए आज पितृ दिवस के दिन खुद से ये वादा कीजिये कि हम आज से कोई भी ऐसा कार्य नहीं करेंगे जिससे कि हमारे पिता का दिल दुखे।
अगर आज आपके पिता आपके पास हैं तो इस दिन आप उनका आशीर्वाद लेना न भूलियेगा और अगर दूर हैं तो अभी एक बार उन्हें फोन अवश्य करियेगा।
इसलिए आज पितृ दिवस के दिन खुद से ये वादा कीजिये कि हम आज से कोई भी ऐसा कार्य नहीं करेंगे जिससे कि हमारे पिता का दिल दुखे।
अगर आज आपके पिता आपके पास हैं तो इस दिन आप उनका आशीर्वाद लेना न भूलियेगा और अगर दूर हैं तो अभी एक बार उन्हें फोन अवश्य करियेगा।
फिर देखना पिताजी अचंभित होने के साथ-साथ खुश भी बहुत होंगें।
तो आज खुश तो करोगे ना अपने dad को।
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जय हिंद।
Nyc
ReplyDeleteधन्यवाद आपका।
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