मेरे सुधरने से क्या; दुनियाँ सुधर जाएगी...!!
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दुनियाँ में करोड़ों लोग हैं तो करोंड़ों परेशानियां भी हैं और करोड़ो आश्चर्य भी।
इसीलिए आपको ये सुनकर आश्चर्य चकित नहीं होना चाहिए कि मेरी ये website (technic jagrukta) भी करोङों में हैं।
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खैर, इस post में; मेरा motive अपनी website को promote करना नहीं है।
बल्कि ऐसे लोगों के बारे में है जो दुनियाँ का उदाहरण देकर हमेशा गलत काम करते हैं..!!
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अभी कुछ दिन पहले 3-4 दोस्तों के साथ talkies में movie देखने गया।
अभी movie start ही हुई थी कि एक दोस्त का फोन ring करने लगा।
उसने call receive किया और बात करने लगा।
इससे आसपास बैठे तीन चार लोगों को बहुत disturb हो रहा था और बार-बार मुड़कर मेरे उस दोस्त को ऐसे घूर रहे थे जैसे कि किसी अनोखी चीज को घूरते हैं।
वैसे घूर तो मैं भी उसे रहा था लेकिन डाँटने को।😊😊
खैर, जैसे ही उसका कॉल cut हुआ तब उन लोगों ने चैन की साँस ली और शायद मैंने भी।
मैंने उसे उसी वक्त कुछ समझाना चाहा लेकिन talkies के बाहर समझाना ही उचित समझा।
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जैसे ही हम लोग talkies से बाहर निकले वैसे ही मुझे उस बात का ख्याल आ गया।
और मैं उसे समझाने लगा कि भाई सुधर जा सुधर..!!
talkies में call receive करना जरुरी था क्या...???
पता है कितने लोग disturb हो रहे थे?
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पता नहीं क्यों मेरी इस बात से वो थोड़ा नाराज हो गया और गुस्सैले भाव से बोला - मेरे सुधरने से क्या; दुनियाँ सुधर जाएगी।
Disturb हो रहे थे तो होने दो...!!! मैं अकेला ऐसा इंसान थोड़े ही हूँ जो talkies के अंदर बात करता हूँ।
और भी बहुत सारे लोग हैं जो बात करते हैं।
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खैर, उसके इस जवाब से थोड़ा मैं भी आहत हो गया और फिर मैंने उसकी इस बात का कोई उत्तर नहीं दिया क्योंकि उस वक्त वो समझने के मूड़ में था ही नहीं।
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लेकिन पता नहीं क्यों रात को सोते समय वही बात mind में आ गई और सोचने लगा कि आखिर लोग ऐसा क्यों कहते हैं कि "मेरे सुधरने से क्या; दुनियाँ सुधर जाएगी।"
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अरे भाई हाँ सुधर जाएगी...!!!
क्योंकि ये दुनियां भी तो हम और तुम से ही मिलकर बनी है।
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चलो; एक बार मान भी लेते हैं कि नहीं सुधरेगी...!!
लेकिन दुनियाँ में सभी लोग तो बिगड़े हुए नहीं हैं कुछ तो सुधरे भी हैं...
तो आप उन सुधरने वालों को उदाहरण क्यों नहीं लेते हो..???
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खैर; हम हमेशा छोटी-छोटी बातों को ignore कर देते हैं...
जैसे कि-
👉talkies में movies देखते समय; call receive करना या दोस्तों से बातें करना
👉दीवारों पर पोस्टर चिपकाना
👉दीवारों पर warning लिखी होने के बावजूद भी पेशाब करना
👉public place पर गुटखा या तम्बाखू की पीच थूकना
👉ट्रेन में मूंगफली के छिलके फैलाना या सिगरेट पीना
👉traffic signal को तोड़ना.....आदि।
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ऐसी तमाम बातें हैं जिन्हें हम अक्सर ignore ही करते हैं।
ये सभी छोटी-छोटी बातें हो सकती हैं लेकिन इनके पीछे छुपी परेशानी कभी कभी बड़ा रूप धारण कर लेती हैं और फिर ये छोटी सी परेशानी ही तिल का ताड़ और राई का पहाड़ बन जाती हैं..!!!
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इसीलिए जब कभी भी कोई अच्छा कार्य करो तो इस ख्याल को बीच में कभी ना लाओ कि वो rules follow नहीं करते तो भला हम क्यों करें...???
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अरे भाई वो तो दुनियाँ के failures के उदाहरण लेते हैं जो सोचते हैं कि "मेरे सुधरने से क्या; दुनियाँ सुधर जाएगी।"
और यही सोचकर गलत काम करते रहते हैं...
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और वैसे भी किसी ने कहा भी है कि-
"आदमी तब बड़ा नहीं माना जाता जब वो बड़ी-बड़ी बातें करने लगे; आदमी तो तब बड़ा माना जाता है जब वो छोटी-छोटी बातें समझने लगे।"
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इसीलिए दोस्तों इन छोटी-छोटी बातों को ignore करना छोटे लोगों का काम है जबकि हम तो बड़े हैं...!!!
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अंत में कहना चाहूंगा कि-
हर एक काम को ऐसे करो कि वो एक निशानी बन जाए।
और निशानी ऐसी बनाओ कि वो आपके नाम से जानी जाए।।
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जय हिंद, जय भारत।
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