Saturday 17 June 2017

Father is the second form of God

भगवान का दूसरा रूप - पिता

पिता भगवान का वो दूसरा रूप होता है, जिसमे हम बच्चे, पिता के कड़क स्वभाव को देखकर उनसे डरने लगते हैं; और डरना जायज भी है।
लेकिन भगवान और हमारे पिता में बस यही अंतर है कि जब हमसे कोई गलती हो जाती है तो भगवान हमे सजा देगा तो उसकी सजा का तब पता चलेगा; जब हमें ठोकर लगेगी,और फिर हमें सुधरने में वक्त लगेगा।
लेकिन जब उस गलती की सजा हमारे पिता के द्वारा मिलेगी तो तुरंत वो हम पर बहुत नाराज  होंगे लेकिन हमें उसके बाद दूसरी ठोकर नहीं लगने देंगे, हमें संभाल लेंगे और सही रास्ते पर जाने के लिए पूरी पूरी सहायता करेंगे।

पिता ऊपर से जितने कड़क होते हैं, अंदर से उतने ही नरम!
अगर किसी बात पर पिता ने आपको डाँट लगा दी और आपने नाराज़ होकर खाना छोड़ दिया तो यकीन मानिये पिता को भी खाना तब तक अच्छा नही लगेगा!!! जब तक आप नहीं खा लोगे।
इसके लिए वो आपकी माँ से बोलेंगे (दरअसल वो अंदर से रुआँसा होकर बोलना चाहते हैं लेकिन वो अपनी नाराजगी भी तो दबाना नहीं चाहते इसलिए वो आपकी माँ से भी कड़क होकर बोलेंगें) कि बुला लो उसे खाना खा ले;
इस तरह बार-बार नाराज़ होना ठीक नहीं।

👉ये पिता होता है और वाकई पिता बहुत महान होता है।

किसी ने कहा है कि:
"पिता की मौजूदगी सूरज की तरह होती है,
सूरज गरम जरुर होता है और अगर न हो तो अँधेरा छा जाता है।"
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Friends, अक्सर देखा गया है कि हम सभी अपने पिता से friendly नहीं हैं, क्योंकि हम अपने पिता की उम्मीदों पर खरा नहीं उतर पाते..!!
इसलिए आज पितृ दिवस के दिन खुद से ये वादा कीजिये कि हम आज से कोई भी ऐसा कार्य नहीं करेंगे जिससे कि हमारे पिता का दिल दुखे।
अगर आज आपके पिता आपके पास हैं तो इस दिन आप उनका आशीर्वाद लेना न भूलियेगा और अगर दूर हैं तो अभी एक बार उन्हें फोन अवश्य करियेगा।
फिर देखना पिताजी अचंभित होने के साथ-साथ खुश भी बहुत होंगें।
तो आज खुश तो करोगे ना अपने dad को।
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जय हिंद।

Thursday 15 June 2017

कहानी गद्दार की...

वैसे तो हर इंसान पृथ्वी पर समान रूप से आता हैं लेकिन इस दुनियाँ के चालचलन और अपने फायदे के अनुरूप खुद को ढाल लेता है।
जो गद्दार होते हैं वो भी आगे पीछे का ना सोचकर सिर्फ अपने फायदे की सोचते हैं और फिर किसी के भी साथ कुछ भी कर डालते हैं।

अब ये गद्दार हर जगह छुपे रहते हैं यहां तक कि आपकी आंखों के सामने होंगें और आप पहिचान नही पाओगे।
उनकी गद्दारी का तभी पता चलेगा जब वो आपको धोखा या फिर आपकी पीठ में छुरा भौंक देंगें।

अब जो व्यक्ति सिर्फ आपको धोखा देगा तो सिर्फ आपका दिल दुखेगा।
लेकिन मैं उस गद्दार की बात कर रहा हूँ जो आपको, आपके परिवार को, गाँव को, शहर को, राज्य को; धोखा ना देकर के, अपने देश को धोखा देता है।
अगर मैं इस संबंध में विजय माल्या का नाम लूँ तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी।
ऐसा व्यक्ति हजारों जहरीले साँपों से भी खतरनाक होता है।
ऐसे व्यक्ति से देश के लाखों लोग प्रभावित होते हैं।

खैर, गद्दार के पैदा होने के पीछे सिर्फ एक वजह होती है और वो है लालच।
अब ये लालच पैसे का, किसी चीज का, जमीन -जायदाद का; किसी का भी हो सकता है।

किसी भी गद्दार को बढ़ावा वो लोग देते हैं जो चलो जाने दो, कहकर नजरअंदाज कर देते हैं।
फिर वही गद्दार आगे चलकर किसी दूसरे के साथ भी गद्दारी कर बैठता है।
अगर पहली बार में ही कोई उस गद्दार को अच्छे से सबक सिखाता तो वो किसी दूसरे के साथ गद्दारी करने की सोचता भी नही।
(ये Article आप technic jagrukta वेबसाइट पर पढ़ रहे हो।)
अपने देश में भी कुछ राजनीतिक पार्टियों में गद्दार छुपे बैठें हैं।
अपने देश की सरकार इसलिए भी काम अच्छे नहीं कर पाती क्योंकि विपक्षी पार्टियाँ हार जाने के बाद खुद पर काबू नहीं कर पातीं और केंद्र सरकार के नेताओं के गढ़े मुर्दे उखाड़कर सोशल मीडिया पर पब्लिश कर देते हैं।
हालांकि ये गढ़े मुर्दे 100℅ सत्य नहीं होते लेकिन लोग फोटोशॉप वगैरह का उपयोग करके उसे ऐसा बना देते हैं कि वो 100% सत्य लगे।
अभी किसी ने उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का गौ-मूत्र पीते हुए फोटो वायरल कर दी थी और सभी लोगों को हैरत में डाल दिया था लेकिन जब इस केस की छानबीन हुई तो पता चला कि योगी जी हैंडपंप से पानी पी रहे थे और किसी ने बड़ी ही कुशलता से फोटोशॉप कर गाय का पृष्ठभाग कर दिया जिससे ये लग रहा था कि योगी जी गौ-मूत्र पी रहे हैं।

खैर, जब तक ऐसे वाहियाद लोग और पार्टियां देश मे बनी रहेंगी तो कोई अच्छे काम करने वाला बंदा अपनी हिम्मत ज्यादा दिनों तक नही टिका सकता।
हालांकि ये केस गद्दारी की श्रेणी में नहीं आता लेकिन ऐसे फोटोशॉप करने वाले लोगों को नीच श्रेणी का दर्जा दिया जाए तो कोई बेईमानी नहीं होगी।

जो व्यक्ति वाकई ही देश के हित में काम कर रहा हो, तो उसे ऐसे फोटोशॉप दिखाकर कमजोर ना बनाओ।
आप किसी भी पार्टी के हों अगर आपकी ही पार्टी का कोई सदस्य गलत राह पर चलता है तो उसका बहिष्कार किया जाना चाहिए ना कि उसका जो विरोधी पार्टी का हो और काम अच्छे कर रहा हो।

अपने ही देश मे रहकर अपने ही देश का गुणगान ना करना गद्दारी की श्रेणी में आता है।

अगर गद्दार देश का है तो देश उसे माफ न करे बल्कि एहसास दिलाये कि उसने गद्दारी की है जब वो शर्म से पानी-पानी हो जाये तब उसे माफी दी जा सकती है।
ठीक ऐसा ही नियम अपने राज्य, शहर, गांव, यहां तक कि अपने घर मे भी छुपे गद्दार के साथ लागू करना चाहिए।

अगर आपको भी किसी शख्स ने धोखा दिया है तो उसे इतनी जल्दी माफ मत करो, पहले उसे उसकी गलती का एहसास दिलाओ और खुद सुनिश्चित कीजिये कि ये अब किसी के साथ धोखा नहीं करेगा तब जाकर उसे माफ करो।

अंत मे कहना चाहूंगा कि:
माफ करना बहुत अच्छी बात है लेकिन एक धोखेबाज को बिना चेतावनी के माफ करना बहुत बुरी बात है।

इस blog पर अपने comments जाहिर कर बताइये कि इस संबंध में आपकी क्या राय है?
जय हिंद।
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Article के अलावा इन poems को भी पढ़ें :
★ये जिंदगी है यारो..
★जब लगे ठोकर किसी पत्थर से
★हे इंसान!!! ये तेरी सोच है...!!!
★जब हम किसी से...