Tuesday 24 January 2017

Poem - एक अहसास

Poem - एक अहसास

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जब लगे ठोकर किसी पत्थर से आपको
तो उसे उठाकर किनारे कर देना
ताकि फिर दूसरी ठोकर लगने से बच जाएँ सभी..!!!
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जब आये कोई घर आपके तो उसका भरपूर स्वागत कर देना
ताकि आप अतिथि देवो भव को साकार रूप दे सको...!!!
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जब अँधेरा छा जाए आपकी जिंदगी में तो कुछ समय के लिए धैर्य रख लेना
ताकि भगवान आपकी जिंदगी में ठीक से उजाला कर सके...!!!
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जब बोरिंग लगे कभी जिंदगी में तो अपनी मनपसंद किताब पढ़ लेना
ताकि समय व्यतीत होने के साथ ही आपको ज्ञान भी मिल सके...!!
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जब कोई खाश चला जाये आपसे दूर तो उसे हर हालात में अपने पास बुला लेना
ताकि वो आपकी लाइफ के टॉप सीक्रेट किसी को ना बता सके...!!!
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जब अहसास हो तुम्हें अपने स्वार्थी स्वभाव का तो उसमें सुधार अवश्य कर लेना;
ताकि आप लोगों के मुँह से "स्वार्थी" जैसा बुरा शब्द सुनने से बच सकें...!!!
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जब लगे आपको कि आज आपने किसी का दिल दुखाया है तो अपने ईगो को साइड में रख; उससे माफ़ी मांग लेना;
ताकि आप उसकी नजर में हमेशा के लिए रहमदिल बन सको...!!!
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बातें तो बहुत हैं कहने को लेकिन सभी लोग उनका अनुसरण नहीं कर सकते...!!!
इसलिए ये वो lines हैं जिन्हें follow करने के बाद आपका एक अलग ही व्यक्तित्व उभरेगा।।!!
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SO Friends; ये poem आपको कैसी लगी कृपया अपने comments के माध्यम से अवश्य बताइयेगा।
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जय हिंद...
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इन poems को भी पढ़ें :- 
01.ये जिंदगी है यारो...
02.जब हम किसी से...
03.हम दुनियाँ से...
04.दुःख इस बात का नहीं कि....

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